GST और नोटबंदी से बढ़ी बेरोजगारी, CM भूपेश का PM मोदी पर हमला, कहा- आरक्षण खत्म कर रही केंद्र सरकार

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाई गई जीएसटी और नोटबंदी की वजह से देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है।

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाई गई जीएसटी और नोटबंदी की वजह से देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है। केंद्रीय वित्त मंत्री कह रही है कि रुपया कमजोर नहीं हुआ है, जबकि डॉलर मजबूत हुआ है। इस पंचवर्षीय में जनता के लिए कोई योजना लेकर नहीं आए। पिछले कार्यकाल में नोटबंदी और जीएसटी लाए। उसका खामियाजा पूरा देश भुगत रहा है। जीएसटी की वजह से महंगाई बढ़ी और नोटबंदी की वजह से बेरोजगारी बढ़ गई। किसान और नौजवान अलग परेशान हैं।

रायपुर में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है। सिर्फ छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा कीमत किसानों को उपज का दिया जा रहा है। केंद्र की नीतियों की वजह से नौजवानों को नौकरी नहीं मिल रही। रूस-यूक्रेन युद्ध से बनी परिस्थितियों में केंद्र सरकार ने खंडा चावल के निर्यात को बैन कर दिया। इस बैन का नुकसान हमारे छत्तीसगढ़ के किसानों को हो रहा है। अभी बरसात में यहां की मंडियो में धान 1900 से 2400 रुपया प्रति क्विंटल की दर पर बिका। अब उसके भाव में 300 रुपये की गिरावट आ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा पूरी दुनिया में ऊर्जा का संकट है। वह पेट्रोलियम हो, प्राकृतिक गैस हो अथवा बिजली की बात हो। ऊर्जा एक बड़े संकट के रूप में दुनिया के सामने आया है। कोयले के दाम बढ़ गए। बिजली महंगी हो गई है।

आरक्षण खत्म करना चाहती है भाजपा
भारतीय जनता पार्टी पर आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेच रही है। आरक्षण देना न पड़े इसलिए सभी सार्वजनिक उपक्रमों को बेचा जा रहा है। बालको बिका, भिलाई इस्पात संयंत्र बिकने वाला है, बस्तर का नगरनार स्टील प्लांट बिकने वाला है, रेल बिक रहा है, रेलवे स्टेशन बिकने वाला है। एयर इंडिया बेच दिए। अब एयरपोर्ट बिकने वाला है। जब पद ही नहीं रहेंगे तो आरक्षण का लाभ कहां से मिलेगा। केंद्र सरकार ने भर्तियां भी बंद कर दी हैं। सार्वजनिक उपक्रमों में नौकरी नहीं मिल रही। यह दोहरी मार है।

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