कप्तान राहुल द्रविड़ ने जब सचिन तेंदुलकर को नहीं पूरा करने दिया था दोहरा शतक, युवराज सिंह ने सुनाया पूरा किस्सा
2004 में भारत और पाक के बीच मुल्तान टेस्ट में सचिन तेंदुलकर जब 194 पर खेल रहे थे, तभी कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी थी, जिसको लेकर काफी बहस भी हुई थी। युवी ने यह पूरा किस्सा सुनाया है।
29 मार्च 2004 का दिन भारतीय क्रिकेट फैन्स शायद ही कभी भूल पाएंगे, टेस्ट क्रिकेट में ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले वीरेंद्र सहवाग पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे और सचिन तेंदुलकर 194 रन बनाकर नॉटआउट लौटे थे, क्योंकि राहुल द्रविड़ ने भारतीय पारी घोषित कर दी थी। उस टेस्ट मैच में भारत की ओर से युवराज सिंह ने पारी का आगाज किया था। युवराज सिंह उस मैच का हिस्सा थे और पूरे 18 साल बाद इस पूरे किस्से को उन्होंने बयां किया है। युवी ने बताया कि क्या सचिन तेंदुलकर को डबल सेंचुरी से रोकना राहुल द्रविड़ का सही फैसला था?
स्पोर्ट्स 18 के ‘होम ऑफ हीरोज’ शो पर युवराज सिंह ने कहा, ‘हमें बीच में मैसेज मिला था कि हमें तेज खेलना होगा और हम पारी घोषित कर देंगे।’ युवी के लिए यह टेस्ट इसलिए भी यादगार है, क्योंकि इसमें उन्होंने अपने टेस्ट करियर का पहला पचासा ठोका था। युवी के आउट होते ही कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी थी। भारत ने पांच विकेट पर 675 रन बना लिए थे। तेंदुलकर उस समय 194 रन बनाकर नॉटआउट थे।
युवी ने कहा, ‘तेंदुलकर अगले ही ओवर में वह छह रन बना सकते थे और उसके बाद हमें दिन में आठ-10 ओवर गेंदबाजी के लिए मिल जाते। मुझे नहीं लगता कि अगर दो ओवर और मैच होता, तो इससे कोई फर्क पड़ता। अगर यह तीसरा या चौथा दिन होता टेस्ट का तो मैं मान सकते हैं कि टीम को पहले रखना सही फैसला होता। मुझे ऐसा लगता है कि तेंदुलकर के 200 रन होने के बाद पारी घोषित करनी चाहिए थी।’ भारत ने मुल्तान टेस्ट एक पारी और 52 रनों से जीता था। युवी ने सीरीज के दूसरे टेस्ट में शतक भी लगाया था।