“अगर क्रिकेट नहीं खेलोगे, तो क्या करोगे”, शास्त्री के शब्दों ने स्टार भारतीय पेसर को संन्यास लेने से रोका

India vs Australia: अरुण ने बताया कि शास्त्री ने कहा कि यह अच्छी बात है कि तुम नाराज है. यह तुम्हारे साथ सबसे अच्छी बात हुई है क्योंकि तुम्हारे हाथ में गेंद है. तुम्हारी फिटनेस खराब है. जो भी नाराजगी तुम्हारे भीतर है, वह अपने शरीर के जरिए बाहर निकाल दो.

नई दिल्ली: 

टीम इंडिया के पूर्व बॉलिंग कोच भरत अरुण ने खुलासा करते हुए कहा कि टीम इंडिया के अनुभी पेसर मोहम्मद शमी एक समय संन्यास लेने का मन बना चुके थे, लेकिन रवि शास्त्री ने उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा. शमी एक ऐसे पेसर हैं, जिन्हें भारतीय तेज गेंदबाजी का मुख्य स्तंभ कहा जाता है. वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी सीरीज में भी टीम का हिस्सा हैं और कंगारू बल्लेबाजों को पानी पिला रहे हैं. शमी अभी तक खेले 61 टेस्ट मैचों में 219 विकेट जमा कर चुके हैं तो वहीं उन्होंने 97 वनडे में 159 और 23 टी20 मैचो में 24 विकेट लिए. और यह भी सहा है कि अगर वह अपने करियर में अक्सर ही चोटों का शिकार न होते, तो उनके और भी ज्यादा विकेट होते.

पूर्व बॉलिंग कोच ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा कि साल 2018 में इंग्लैंड टूर से पहले आयोजित हुए फिटनेस टेस्ट में शमी इसमें फेल हो गए थे और उन्होंने भारतीय टीम में जगह गंवा दी थी. ऐसे में उन्होंने मुझे बुलाया कि वह मेरे से बात करना चाहते हैं. मैंने शमी को अपने कमरे में बुलाया. वह काफी निजी समस्या से गुजर रहे थे. उनकी फिटनेस खराब थी और मानसिक रूप से वह एकदम खाली थी. शमी ने मुझसे कहा कि वह बहुत ही नाराज हैं और क्रिकेट से संन्यास लेना चाहते हैं. इस पर मैं उन्हें तुरंत ही रवि शास्त्री के पास ले गया.

भरत अरुण ने कहा कि हम दोनों शास्त्री के कमरे में गए और कहा कि शमी कुछ कहना चाहता है. शमी ने शास्त्री से भी यही कहा कि वह क्रिकेट नहीं खेलना चाहते. इस पर हम दोनों ने ही उनसे यह पूछा कि अगर क्रिकेट नहीं खेलोगे, तो क्या करोगे. क्रिकेट के अलावा तुम क्या जानते हो. हमने शमी से कहा कि जब तुम गेंद थमायी जाती है, तो तुम जानते हो कि कैसे गेंदबाजी करनी है. पूर्व बॉलिंग कोच बोले कि शास्त्री ने उन्हें राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी भेजा और इस फैसले ने शमी को बदल दिया.

अरुण ने बताया कि शास्त्री ने कहा कि यह अच्छी बात है कि तुम नाराज है. यह तुम्हारे साथ सबसे अच्छी बात हुई है क्योंकि तुम्हारे हाथ में गेंद है. तुम्हारी फिटनेस खराब है. जो भी नाराजगी तुम्हारे भीतर है, वह अपने शरीर के जरिए बाहर निकाल दो. शास्त्री बोले कि हम हुम्हें एनसीए भेजने जा रहे हैं. हम चाहते हैं कि तुम वहां चार हफ्ते रहो. तम अपने घर नहीं बल्कि सीधा एनसीए जाओगे. शास्त्री का यह विचार शमी के भी अनुकूल रहा क्योंकि कोलकाता जाने में उन्हें समस्या थी. ऐसे में उन्होंने पांच हफ्ते एनसीए में गुजारे. अरुण ने कहा कि मुझे याद है कि शमी ने मुझे फोन कर कहा, “सर अब मैं सांड की तरह बन चुका हूं. अब चाह जितना चाहें, मुझे दौड़ाएं. एनसीए में गुजारे पांच हफ्ते ने शमी को यह एहसास कराया कि फिटनेस पर काम करके वह  क्या कर सकते हैं”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed