ब्रेट ली ने वीरेंद्र सहवाग को लेकर सुनाया सालों पुराना किस्सा- एक सचिन तेंदुलकर काफी नहीं था, जो एक और आ गया
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने वीरेंद्र सहवाग को लेकर एक सालों पुराना किस्सा सुनाया है। उन्होंने बताया कि तब उन्हें लगा कि एक सचिन तेंदुलकर काफी नहीं था, जो एक और आ गया।
दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में शुमार रहे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ब्रेट ली ने टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को लेकर एक सालों पुराना किस्सा सुनाया है। सहवाग अपने समय के धाकड़ सलामी बल्लेबाज रहे हैं और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए काफी मशहूर भी रहे हैं। ली ने यह किस्सा सुनाते हुए कहा कि उन्होंने तब सोचा था कि एक सचिन तेंदुलकर काफी नहीं था, जो एक और सचिन तेंदुलकर आ गया। ली ने तेंदुलकर, ब्रायन लारा जैसे बल्लेबाजों को अपनी गेंदबाजी से परेशान किया है। ली कई बार कह चुके हैं कि तेंदुलकर को गेंदबाजी करना उनके लिए सबसे मुश्किल काम रहा है। 2003 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट का किस्सा ली ने अपने अंदाज में सुनाया है, जहां पहले ही दिन वीरेंद्र सहवाग ने 195 रन ठोक डाले थे।
ली ने अपने यूट्यूब चैनल ‘ब्रेट ली टीवी’ पर कहा, ‘आप जब निर्दयी (Cruel), साहसी (Swashbuckling) अप्रत्याशित (Unpredictable) शब्द सुनते हैं है, मेरे दिमाग में वीरेंद्र सहवाग का नाम आता है। वह चेहरे पर मुस्कान के साथ खेलता था, वह उन खिलाड़ियों में से था, जो टेस्ट मैच की पहली गेंद पर छक्का मारना चाहता था और उसने ऐसा किया भी। उसको गेंदबाजी करना मुश्किल था।’
ली ने कहा, ‘आप सोचेंगे कि आपने अच्छी लेंथ से गेंद डाली है और आपको सहवाग का विकेट मिल गया, लेकिन वह गेंद को कवर के ऊपर से छक्के के लिए भेज देता था। वह कुछ-कुछ सचिन तेंदुलकर जैसा लगता था और मैं सोचता था कि एक सचिन तेंदुलकर कम था जो ये भी आ गया। हम ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने सहवाग को फांसने के लिए थर्ड मैन पर खिलाड़ी रखा था, हमने एक वनडे मैच में यह ट्राई किया था, लेकिन उसने छक्का लगा दिया। और फिर वह मेरी तरह देखकर हंसा। कई लोग कहते हैं कि वह वनडे या टी20 फॉर्मेट के लिए बना था, लेकिन मैं इसे नहीं मानता हूं। मुझे लगता है कि वह परफेक्ट टेस्ट क्रिकेटर था क्योंकि उसको गेंदबाजी करना बहुत मुश्किल था। जब आप टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजी करते हो तो पहली गेंद से लय बनाना चाहते हो, लेकिन वह पहली गेंद पर चौका या छक्का लगाकर गेंदबाज की लय बिगाड़ देता था।’